
सूरज की किरनें आती है
सारी कलियां खिल जाती है
आध्कार सब खो जाता है
सब जगह सुद्मर हो जाती है !!
चिदियाम गाती है मिल्झुलकर
बहते है उनके मीठे स्वर !
सारी कलियां खिल जाती है
आध्कार सब खो जाता है
सब जगह सुद्मर हो जाती है !!
चिदियाम गाती है मिल्झुलकर
बहते है उनके मीठे स्वर !
ठडी-ठडी हवा
चलती है जैसे मस्तानी !!
चलती है जैसे मस्तानी !!
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